प्रस्तावना
प्रगति एवं विकास के इस नए दौर में शिक्षा की किसी भी योजना के सफल नियोजन तथा क्रियान्वयन हेतु अध्यापकों को शैक्षिक तकनीकी के ज्ञान और कौशलों से युक्त होना नितांत आवश्यक है। सेवापूर्व और सेवाकालीन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों से ही शिक्षकों को इस बात के लिए भलीभाँति तैयार किया जा सकता है। शुरूआत सेवा पूर्व शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में शैक्षिक तकनीकी विषय को अनिवार्य स्थान देने से की जाए तो निस्संदेह अच्छी नींव पड़ सकती है। यही कारण है कि शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के सभी स्तर (पूर्व प्राथमिक, प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्च स्तर) पर शैक्षिक तकनीकी को एक अनिवार्य विषय के रूप में मान्यता देकर इससे संबंधित ज्ञान और कौशल के अर्जन पर विशेष ध्यान रखा जाता है। इसी कड़ी में देहली प्रांत में चल रहे डी.एल.एड. प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में भी शैक्षिक तकनीकी को एक अनिवार्य विषय के रूप में स्थान दिया गया है। प्रस्तुत पुस्तक इसी पाठ्यक्रम को आवश्यकता पूर्ति हेतु लिखी गई है।
वैसे तो प्रत्येक रचना अपनी-अपनी दृष्टि से अपने आप में अनूठी होती है और सभी का प्रस्तुतीकरण के संदर्भ में अपना-अपना अंदाज होता है। हाँ पाठकों की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं पर खरा उतरने की चाहत सभी के अंतर्मन में अवश्य होती है। प्रस्तुत रचना इस कसौटी पर कितनी खरी उतरी है, इसका निर्णय तो सुयोग्य पाठकवृन्द के रूप में आपका ही रहेगा परंतु इसकी कुछ निम्न विशेषताओं की ओर इंगित करना हम अपना परम कर्त्तव्य समझते हैं।
• पाठ्यक्रम की सभी इकाइयों तथा प्रकरणों पर इसमें विस्तार से प्रकाश डालने की चेष्टा की गई है।
• संबंधित अध्याय में जो कुछ भी बताया जाना है, उसकी चर्चा ‘अध्याय रूपरेखा’ के माध्यम से अध्याय के प्रारंभ में ही दी गई है।
• इसका विशेष रूप से ध्यान रखा गया है कि पुस्तक की भाषा और प्रस्तुतीकरण शैली पाठकों के स्तरानुसार रोचक तथा बोधगम्य ही बनी रहे।
• प्रत्येक अध्याय के अंत में आवृत्ति, उचित अभ्यास तथा मूल्यांकन हेतु निबंधात्मक तथा लघु उत्तरात्मक प्रश्नों का समावेश किया गया है।
• अध्याय विशेष में चर्चित संदर्भ और विशेष अध्ययन में सहायक ग्रंथों की सूची पुस्तक के अंत में विस्तार से दी गई है ताकि पाठकवृन्द विषय की गहराई में जा सकें।
आशा है, रचना आपकी अपेक्षाओं के अनुकूल ही सिद्ध होगी परंतु फिर भी यह विनम्र अनुरोध है कि आप इसकी समीक्षा तथा सुधार हेतु अपने सुझावों से हमें अवगत अवश्य कराएँ।
इसी निवेदन और आपके भविष्य हेतु शुभकामनाओं सहित,
– एस. के. मंगल
शुभ्रा मंगल
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