Knowledge and Philosophical Exploration, Resource Book for B.Ed, B.Ed ITEP, M.Ed Programs
Publisher: Twentyfirst Century Publications
Edition: 2024
Total Pages: 310
ज्ञान एवं दार्शनिक अन्वेषण by DR. AMIT KUMAR, DR. GEETA RANI & DR. ASHOK KUMAR
प्राक्कथन
“ज्ञान एवं दार्शनिक अन्वेषण” एक ऐसी विद्वतापूर्ण पुस्तक है, जो शिक्षा, दर्शन और ज्ञान के विविध पक्षों को एक समग्र दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक विद्यार्थियों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और दर्शन के जिज्ञासु पाठकों के लिए अत्यंत उपयोगी है। इसमें न केवल ज्ञान की अवधारणाओं और स्रोतों की विवेचना की गई है, बल्कि ज्ञान के सिद्धांतों, उसके अर्जन, निर्माण और प्रसार में शिक्षक की भूमिका को भी गंभीरता से प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक का पहला भाग “ज्ञान और जानने की चेष्टा” से आरंभ होता है, जहाँ ज्ञान की मूल अवधारणा, उसके प्रकार जैसे प्रत्यक्ष, परोक्ष, वैयक्तिक, सामूहिक आदि – और विविध स्रोतों जैसे अनुभव, प्रमाण, तर्क, श्रुति-स्मृति आदि पर प्रकाश डाला गया है। इसके पश्चात “ज्ञान के सिद्धांत और अर्जन की विधियाँ” में ज्ञान के मनोवैज्ञानिक व दार्शनिक सिद्धांतों का विश्लेषण मिलता है, जैसे व्यवहारवाद, संज्ञानात्मक सिद्धांत, रचनावाद इत्यादि। “ज्ञान के विभिन्न सन्दर्भः एक विश्लेषणात्मक अध्ययन” खंड में यह बताया गया है कि सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और ऐतिहासिक संदर्भों में ज्ञान कैसे निर्मित और प्रयुक्त होता है। यह खंड शिक्षा को एक व्यापक सामाजिक प्रक्रिया के रूप में देखने का दृष्टिकोण देता है। इसके साथ ही, “ज्ञान के निर्माण और प्रसार में शिक्षकों की भूमिका” विषय में शिक्षक को एक ज्ञान-संवर्धक, नवाचारक और मार्गदर्शक के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो विद्यार्थियों के बीच ज्ञान की चेतना जागृत करता है। विशेष रूप से उल्लेखनीय खंड है – “भारतीय ज्ञान प्रणाली (Indian Knowledge System)”, जिसमें भारत की पारंपरिक ज्ञान परंपराओं जैसे वेद, उपनिषद, दर्शन शास्त्र, आयुर्वेद, योग, संगीत और स्थापत्य कला आदि की समृद्ध विरासत का विवेचन किया गया है। यह
खंड राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में विशेष रूप से प्रासंगिक है।
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