प्राक्कथन
प्रस्तुत पुस्तक ‘शैक्षिक अनुसंधान एवं सांख्यिकी’ एम०एड० के यू०जी०सी० द्वारा निर्धारित नवीनतम् पाठ्यक्रम के अनुसार लिखी गयी है। इसमें पाठ्यक्रम के सभी बिन्दुओं का विवरण क्रमानुसार उपलब्ध है। शैक्षिक अनुसंधान मेरी रुचि का विषय रहा है और विज्ञान-वर्ग की शैक्षिक पृष्ठभूमि होने के कारण भी मेरा रुझान इस ओर सदैव ही रहा है। मेरी इसी मनोवृत्ति ने मुझे यह पुस्तक लिखने के लिए प्रेरित किया, और मैंने चाहा कि मैं शैक्षिक अनुसंधान जैसे जटिल लगने वाले विषय को सरल रूप में विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत करूँ। मेरी इसी इच्छा के फलस्वरूप यह पुस्तक आपको उपलब्ध हो रही है।
पुस्तक में शैक्षिक अनुसंधान की सैद्धान्तिक व्याख्या को व्यावहारिक बनाने का प्रयास किया गया है, जिससे पाठक स्वाध्याय द्वारा भी उसे समझ सकें। सांख्यिकीय विश्लेषण में स्पष्टता है और प्रत्येक सूत्र से सम्बन्धित उदाहरण भी प्रस्तुत किए गए हैं, जो सांख्यिकीय गणना को सीखने में विद्यार्थियों की सहायता करेंगे। सांख्यिकीय समंकों का चित्रमय प्रदर्शन भी पुस्तक में उपलब्ध है। मुझे आशा एवं पूर्ण विश्वास है कि विद्यार्थी इस पुस्तक को पसन्द करेंगे और इससे लाभान्वित होंगे। मेरा समस्त पाठकों से विनम्र अनुरोध है कि पुस्तक के सम्बन्ध में अपने सुझाव भेजकर अनुग्रहीत करें।
मैं उन समस्त लेखकों के प्रति हृदय से आभारी हूँ जिनकी रचनाओं ने मेरे ज्ञान के पथ को आलोकित किया है। अपने गुरुजनों के प्रति भी मैं कृतज्ञ हूँ, जिनका आशीर्वाद मैं पुस्तक लेखन के समय निरन्तर अनुभव करती रही हूँ। अपनी माता और स्वर्गीय पिता की मैं ऋणी हूँ जिन्होंने मेरा दिशा-निर्देशन किया और ज्ञान के मार्ग पर मुझे अग्रसर किया।
मैं अपनी पुस्तक के प्रकाशक श्री विनय रखेजा जी के प्रति आभारी हूँ जिन्होंने पुस्तक के सूक्ष्म एवं विशिष्ट सांख्यिकीय विश्लेषण को अपनी सूझ-बूझ और परिश्रम से यथार्थ रूप में आपको उपलब्ध कराया है।
सधन्यवाद !
– डॉ० कुसुमलता राठौर
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