प्रस्तावना
‘पर्यावरण अध्ययन का शिक्षा-शास्त्र’ प्रस्तुत पुस्तक डी०एल०एड० के अध्ययनरत छात्रों हेतु तैयार की गई है। इसके अन्तर्गत प्रत्येक बिन्दू को स्पष्ट रूप से दिया गया है। इसके अतिरिक्त इस पुस्तक में पाठ्यक्रम को पांच इकाइयों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक इकाई के प्रत्येक बिन्दू को स्पष्ट रूप से बताया गया है। साथ-ही-साथ कुछ उपयोगी प्रश्नों को भी सम्मिलित किया गया है।
पुस्तक की भाषा अत्यन्त ही सरल तथा प्रवाहमयी है। साथ-ही-साथ पुस्तक में अनेक चित्रों तथा तालिकाओं का भी प्रयोग किया गया है ताकि विद्यार्थी संबंधित विषय-वस्तु को अच्छी प्रकार से समझ सकें। विषय के अनुकूल यह पुस्तक प्रत्येक स्तर के विद्यार्थी को ध्यान में रखकर लिखी गई है। आशा है कि विद्यार्थीगण तथा अध्यापकगण इस पुस्तक का स्वागत करेंगे।
अंत में मैं उन सभी विद्वानों के प्रति जिनकी रचनाओं और कार्यों को मैंने अपनी सुविधानुसार उपयोग किया है, आभार व्यक्त करना अपना प्रथम कर्त्तव्य समझती हूं। मैं इस पुस्तक के प्रकाशक अमित प्रकाशन के प्रति भी आभारी हूं जिन्होंने इस पुस्तक को थोड़े समय में अत्युत्तम ढंग से प्रस्तुत किया है। आशा है कि यह पुस्तक सर्वज्ञ पाठकों की अपेक्षा के अनुसार उपयोगी सिद्ध होगी। मानवकृत कोई कार्य पूर्ण नहीं होता। इसमें कहीं-न-कहीं, किसी-न-किसी अभाव का रह जाना स्वाभाविक है। पाठकगण के द्वारा दिए गए सुझाव का विशेष स्वागत है।
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