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हिन्दी भाषा शिक्षण- डॉ. जयदेव डबास
लेखक परिचय
जन्म: डॉ. जयदेव डबास का जन्म दिल्ली राज्यान्तर्गत गाँव-माजरा | डबास के एक किसान परिवार में 18 जून, 1947 को हुआ। पिता जी का नाम श्री मांगेराम तथा माता जी का नाम श्रीमती शन्नोदवी
शिक्षा: 16 वर्ष की अल्पायु में ही शस्त्री परीक्षा में पंजबा विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में प्रथम स्थान एम. ए. (हिन्दी, संस्कृत) एम. एड., पीएच. डी. (दिल्ली विश्वविद्यालय)।
अध्यापन 48 वर्ष का आध्यापन अनुभव राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, दिल्ली के सेवा- पूर्व शिक्षक शिक्षा विभाग के अध्यक्ष पद से सेवा-निवृत्त होने के उपरान्त विभिन्न संस्थाओं के साथ शैक्षिक गतिविधियों में संलग्न ।
प्रकाशित कार्य हिन्दी भाषा, हिन्दी शिक्षण व शिक्षा के क्षेत्र में एक दर्जन से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित, जिनमें ‘भाषा की विषयवस्तु एवं शिक्षण विधियों, ‘हिन्दी शिक्षण’ (भाग-1 व भाग-2) मातृभाषा हिन्दी शिक्षण, आधुनिक भारतीय शिक्ष के प्रेरणा स्रोत “अभिव्यक्ति के विविध आयाम (इन्द्रप्रस्थ साहित्य भारती, साहित्य कला परिषद्, दिल्ली सरकार के ‘कमला-रत्नम्’ नामक साहित्य कृति पुरस्कार से पुरस्कृत), ‘शरीर और अभिव्यक्ति, देवी शब्द से संपदा (हिन्दी अकादमी, दिल्ली के सौजन्य से प्रकाशित) प्रकृति और अभिव्यक्ति आदि प्रमुख है।
हिन्दी शिक्षण पर ही यह लेखक की पाँचवी पुस्तक है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में सैकड़ों लेख प्रकाशित ‘नागरी एक पूर्ण विकसित एवं आदर्श लिपि नागरी लिपि परिषद् द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार से पुरस्कृत, ‘देव-नागरी लिपि में मात्राओं और संयुक्त वर्णों का महत्व” राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय पुरस्कार से पुरस्कृत तथा ‘नागरी सौन्दर्य’ नामक पत्र अन्तर्राष्ट्रीय नागरी लिपि सम्मेलन में प्रस्तुत बहुत-सी पाठ्यपुस्तकों एवं शिक्षक संदर्शिकाओं के रचना
कार्य में योगदान। विविध नागरी लिपि परिषद् की आजीवन सदस्यता तथा शिक्षा के अन्नयन संबंधी अनेक परियोजनाओं से संबद्ध कई शैक्षिक संगठनों की सदस्यता शैक्षिक एवं सांस्कृति महत्व के कार्यों में सक्रिय सहभागिता जीवन पर्यन्त भारतीय संस्कृति और जीवन-मूल्यों के प्रति समर्पित।
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