Recommended for Course:-
- D.I.E.T (2nd Year)
- D.EL.Ed (2nd Year)
- JBT (2nd Year)
शिक्षा के सामाजिक दार्शनिक आधार डॉ. सुमन लता डॉ. एच. एल. खत्री
शिक्षा मानव विकास का आधार है इसके द्वारा मानव समाज और राष्ट्र का विकास होता है सामान तिच्या दर्शन मनिष्ठ रूप से सम्बन्धित है। शिक्षा एवं दर्शन एक दूसरे के पूरक है तथा दोनों एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। शिक्षा समाज में समाज के लिए और समाज द्वारा संचालित एक प्रक्रिया है। समाज के अस्तित्व पर ही शिक्षा का अस्तित्व निर्भर करता है। शिक्षा सामाजिक विकास का एक मात्र साधन है।
प्रस्तुत पुस्तक सुसंगठित विषयवस्तु के साथ रोचक शैली में लिखी गयी है। शिक्षा के सामाजिक दार्शनिक परिपेक्ष्यों के विभिन्न पहलुओं जैसे शिक्षा और दर्शन, आदर्शवाद, प्रकृतिवाद प्रयोजनवाद मानववाद महान शिक्षा शास्त्रियों जैसे महात्मा गांधी रविन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानन्द, मे. कृष्णमूर्ति, गिजुभाई बधेका, मारिया मोन्टस, फ्रेडरिक प्रोबेन का जीवन एवं शैक्षिक विचार, शिक्षा और समाजशास्त्र, सामाजीकरण और शिक्षा, समस्तमयिक समाज, शिक्षा और संस्कृति, मूल्य शिक्षा शिक्षा एवं सामाजिक परिवर्तन, मानव अधिकार तथा शांति शिक्षा आदि का इस पुस्तक में यथोचित वर्णन किया गया है।
डॉ. सुमन लता, दिल्ली इंॉस्टट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट नगली पूजा, दिल्ली में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत है। डॉ. लता अपने वर्षों के अनुभव के आधार पर शिक्षा के क्षेत्र में कई पुस्तकों एवं शोध लेखों के लेखन का कार्य कर चुकी है।।
डॉ. एच.एल. खत्री, अपने वर्षों के अध्यापक शिक्षक अनुभव के आधार पर शिक्षा से संबधित कई
पुस्तकों एवं शोध पत्रों के लेखन का कार्य कर चुके है। शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए आपको
सन् 2016 में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शिक्षक पुरस्कार तथा डॉ. भीमराव अम्बेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित
किया जा चुका है।
Reviews
There are no reviews yet.