भूमिका
भाषा के परे पाठ्यक्रम कायभानद्वारा प्रस्तुतीकरणएवं सम्प्रेषण की श्रेष्ह स्थिति विकसित करता है। प्रकाशवारने में भाषा की अहम् भूमिका होती है। विषय की भाषा का ज्ञान प्रत्राध्याध्यापक को कराना इसका मुख्य उद्देश्म है। इस पाठ्यक्रम विषयवस्तु पारितभाषायी गतिविधियों को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है। वस्तुत। भाषा के परे पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्राध्यापकों को विविध विषयों से सम्बंधित भाषायी क्षेत्र में प्रवीणता प्रदान करना है जिससे वह एक और अपने विषय का शिक्षण कार्य उचित रूप में कर सके तथा दूसरी और छात्रओं के अधिगम स्तर को भी उच्च बना सके।
पाठ्यक्रम के परे भाषा (Language Across the Curriculum) के उद्देश्यों का विश्लेषण करने से ज्ञात होता है कि इस कोर्स के माध्यम से छात्राध्यापक (1) पाठ्यक्रम के परे भाषा उपागम द्वारा भाषा ज्ञान में प्रवीण हो सकेंगे। (2) भाषा की विविध भूमिकाओं को समझेंगे। (3) विद्यालय में शिक्षण प्रक्रिया अन्तर्गत भाषा उपयोग की कला को समझ सकेंगे। (4) भाषा अधिगम के द्वारा विभिन्न विषयों में भाषा प्रयोग में सामंजस्य कर सकेंगे। (5) कक्षा-कक्ष में बहुभाषिकता नीति का उपयोग कर शिक्षण को प्रभावी बना सकेंगे। (6) पाठ्यचर्या, पाठ्यक्रम तथा पाठ्य-पुस्तक में परस्पर सम्बन्ध स्थापित कर भाषायी कला को विकसित कर सकेंगे। (7) इसके माध्यम से भाषा कौशल मार्ग विकसित होगा साथ ही अधिगमकर्ताओं में सृजनात्मक वृत्ति का उन्नयन होगा।
उपरोक्त उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम के परे भाषा की पाठ्य साम्रग्री को निम्नलिखित अध्यायों में प्रस्तुत किया गया है- (1) पाठ्यक्रम के परे भाषा-उपागम-परिचय। (2) मुख्य सम्प्रेषणात्मक कौ
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