हिंदी शिक्षण पुस्तक का यह पाँचवाँ संस्करण पाठकों के सामने प्रस्तुत है। इस संस्करण को लाने की आवश्यकता देश के विश्व विद्यालयों तथा शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा शिक्षण प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में परिवर्तन लाने के फलस्वरूप सामने आई है। ये परिवर्तन राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशन तथा बी.एड. प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को द्विवर्षीय बनाने को ध्यान में रखकर दिये गये हैं। प्रस्तुत संस्करण में हिंदी शिक्षण विषय के पाठ्यक्रम में आने वाले इन परिवर्तनों का उचित रूप से ध्यान रखा गया है।
परिणामस्वरूप जहाँ चतुर्थ संस्करण की विषय सामग्री में आवश्यक संशोधन परिमार्जन और यथानुकूल व्यवस्थीकरण किया गया है। वहीं कुछ नवीन प्रकरणों तथा उनसे संबंधित विषयवस्तु का समावेश भी पंचम संस्करण में करने का प्रयास हुआ है। ये प्रकरण निम्न हैं-
मातृभाषा हिंदी का सप्रत्यय, प्रकृति एवं क्षेत्र
देवनागरी लिपि की विशेषतायें एवं सीमाएँ
वैश्वीकरण के संदर्भ में हिंदी का महत्त्व
हिंदी भाषा की संविधान में स्थिति
21 वीं शताब्दी में हिंदी की वर्तमान स्थिति
हिंदी शिक्षण और भाषा प्रयोगशाला
• हिंदी अध्यापक
पाठ प्रस्तावना कौशल
• हिंदी पुस्तकालय की उपयोगिता एवं व्यवस्था
हिंदी सुलेख शिक्षण
• पाठ योजना निर्माण-कप्यूटरीकृत एवं सूचना संप्रेषण तकनीकी के सहयोग से
विषयवस्तु में आवश्यक परिमार्जन तथा परिवर्धन करने के अतिरिक्त जिन अन्य बातों को लेकर प्रस्तुत संस्करण पिछले संस्करणों में भिन्न है, वे निम्न हैं:
अध्यायों के क्रम में आवश्यकतानुसार यथानुकूल परिवर्तन किया गया है।
प्रत्येक अध्याय के प्रारंभ में
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