Bookman

bookmanlogo

BOOKMAN

Sale!

पाठ्यक्रम, शिक्षण विज्ञान तथा मूल्यांकन | Curriculum, Pedagogy and, Evaluation

Author: S.K. Mangal, Uma Mangal

ISBN: 9788170639428

119.00

पाठ्यक्रम, शिक्षण विज्ञान तथा मूल्यांकन- एस. के. मंगल, उमा मंगल

प्रस्तावना 

शिक्षा का प्राथमिक स्तर बालक के विकास और हितचिन्तन की दृष्टि से बहुत अधिक महत्त्वपूर्ण है। इसका महत्त्व तब और बढ़ जाता है जबकि इसका संबंध भारत जैसे देश और उन करोड़ों बालकों को शिक्षा से हो जिनके लिये शिक्षा की यही पहली और अंतिम सोवो होती है। इस प्रकार की महत्त्वपूर्ण शिक्षा प्रदान करने वाले प्राथमिक स्तर के अध्यापकों को बहुत अधिक जागरूक और अपने कार्यों के संपादन में काफी कुशल होने की आवश्यकता रहती है। उनको इस प्रकार की पहली आवश्यकता इस बात से परिचित होने को लेकर है कि प्राथमिक कक्षाओं में किस प्रकार का पाठ्यक्रम लागू किया जाना चाहिए, पाठ्यक्रम को उपयुक्तता का बालकों को शिक्षा पर क्या असर पड़ता है, इसके निर्माण एवं विकास में किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिये तथा राष्ट्रीय स्तर पर इसके भलीभाँति नियोजन और विकास हेतु क्या किया जा रहा है इत्यादि। पाठ्यक्रम संबंधी इस प्रकार की अवधारणा से परिचित होने के बाद उसके भलीभाँति क्रियान्वयन की बात आती है। इसके लिये अध्यापक से यह अपेक्षा की जाती है कि यह शिक्षण: विज्ञान (Pedagogy) से संबंधित उन सभी प्रकार की आधारभूत बातो, उपागमों तथा व्यवहार क्रियाओं से भलीभाँति परिचित रहे जिनसे पाठ्यक्रम में शामिल अधिगम अनुभवों को भलीभाँति आत्मसात करने में विद्यार्थियों को उचित सहायता की जा सके। इन अधिगम अनुभवों को बालको द्वारा किस सीमा तक आत्मसात किया गया है यह पता लगाने हेतु फिर अध्यापकों को विद्यार्थियों की अधिगम उपलब्धियों एवं निष्पत्तियों का ठीक प्रकार आकलन और मूल्यांकन करने संबंधी बाता से भी पूरी तरह परिचित होने की भी आवश्यकता रहती है तथा साथ ही इन मूल्यांकन परिणामों को अच्छी तरह अभिलेखित कर उन्हें विद्यार्थियों की प्रगति हेतु काम में लाने की बात उनके सामने आती है। एक और अन्य बात जिससे संबंधित ज्ञान और कौशल के विकास की उन्हें अधिक जरूरत पड़ती है वह क्रियात्मक अनुसंधान को प्रकृति और प्रक्रिया से संबंधित है। एक अध्यापक को इस दृष्टि से भी आवश्यक रूप से निपुण होना चाहिए ताकि वह अपने अध्यापन कार्यों तथा उत्तरदायित्वों के निर्वहन में जो कठिनाइयाँ उसके सामने आती है उनका व्यावहारिक हल स्थानीय स्तर पर ही बूँद सके। इन सभी प्रकार की आवश्यकताओं को पूरा करने संबंधी उद्देश्य को लेकर दिल्ली शिक्षा विभाग ने अपने प्राथमिक स्तर के शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में “पाठ्यक्रम शिक्षण विज्ञान तथा मूल्यांकन” (Curriculum, Pedagogy and Evaluation) नामक विषय को अनिवार्य पेपर के रूप में स्थान देने का प्रयत्न किया है। प्रस्तुत पुस्तक इसी कोर्स या पेपर की आवश्यकता पूर्ति हेतु लिखी गई है। अपने इस प्रयास में यह कितनी सार्थक है इसका निर्णय तो सुयोग्य पाठकवृद के रूप में आपका ही रहेगा परन्तु यहाँ इसकी कतिपय विशेषताओं को इंगित करना हम अपना कर्तव्य समझते हैं। यथा

• निर्धारित पाठ्यक्रम की यह सभी आवश्यकताओं को पूरा करती है, किसी भी प्रकरण को

छोड़ा नहीं गया है।

• जहाँ तक बन पड़ा है भाषा तथा शैली ऐसी प्रयोग की गई है जिससे पाठकों को प्रस्तुत विषयवस्तु को समझने में असानी हो।

प्रत्येक अध्याय के प्रारम्भ के “अध्याम रूपरेखा दी गई है ताकि इस बात का पूर्व परिचय मिल जाये कि एक अध्याय विशेष में विषय सामाग्री के रूप में क्या कुछ दिया हुआ है।

• प्रत्येक अध्याय के अंत में निबंधात्मक तथा तमु उत्तरात्मक प्रश्नों के रूप में अध्ययन प्रश्न (Study Questions) दे रखे हैं। जिनसे एक ओर तो विद्यार्थियों को पुनरावृत्ति तथा स्व-मूल्यांकन कार्य में सहायता मिल सके तो दूसरी ओर वे विभागीय या विश्वविद्यालय

परीक्षा हेतु अपने आपको तैयार कर सके। विषय के और अधिक स्पष्टीकरण एवं गहन अध्ययन हेतु सभी आवश्यक ग्रंथों एवं संदर्भ .

पुस्तकों की सूची प्रस्तुत रचना के अंत में दी हुई है ताकि प्रशिक्षणार्थी तथा शिक्षक

प्रशिक्षक वर्ग अधिक से अधिक लाभान्वित हो सके।

आशा है कि अपने इस रूप में प्रस्तुत पुस्तक उन सभी के लिये आवश्यक रूप से उपयोगी सिद्ध हो सकेगी जिनके लिये यह लिखो गई है। लेखकगण उन सभी के आभारी है जिनका सहयोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इस रचना को साकार करने हेतु प्राप्त हुआ है, विशेषकर उन विद्वानों तथा लेखक गण के जिनकी रचनाओं से आवश्यक प्रेरणा तथा विषय बोध हुआ है।

पुस्तक में आवश्यक सुधार करने हेतु आपके द्वारा दिये गये सुझावों का सदैव ही सहर्ष स्वागत

होता रहेगा। पाठकों के लिये शुभ कामनाओं सहित।

स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त, 2015

एस. के. मंगल, उमा मंगल

Weight 250 g
Dimensions 24 × 16 × 1.5 cm

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “पाठ्यक्रम, शिक्षण विज्ञान तथा मूल्यांकन | Curriculum, Pedagogy and, Evaluation”

Your email address will not be published. Required fields are marked *