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आत्मबोध स्वयं की समझ Understanding The Self ( Hindi)

Author- R.K Sharma, S.K.Dubey

Publisher-  Radha Prakashan Mandir

ISBN: 9789385888694

112.00

सृष्टि दाता प्रकृति प्रदत्त ईश्वर द्वारा सम्पूर्ण संसार की रचना स्वयं में एक अद्भुत आश्चर्य है। सम्पूर्ण चौरासी लाख जीवों या योनियों में मनुष्य को सभी प्रकार की शारीरिक सुविधाएँ एवं क्षमताएँ प्रदान करके उत्कृष्ट स्थान भी प्रदान किया है। इसीलिये मनुष्य जन्म को पूर्व तपों का कर्मफल कहा गया है। जन्म के उपरान्त धीरे-धीरे मनुष्य को सांसारिक क्रियाओं का अनुभव होने लगता है तद्नुसार वह उनसे समन्वय कर तादात्म्य स्थापित करता है और उसके द्वारा कर्म की श्रृंखला प्रारम्भ हो जाती है।

जन्मोपरान्त सभी मानव इच्छा, सामर्थ्य एवं स्व-अवधारणानुसार अपने-अपने कर्म-क्षेत्रों में बँट जाते है। उनमें से कुछ शिक्षक बन कर शिक्षण कार्य करना चाहते हैं। अपने गुरुत्तर दायित्व को सम्भालने के लिये शिक्षक द्वारा स्वयं को भली प्रकार आत्म बोध द्वारा जाँच-परख करना आवश्यक है। इस पाठ्यक्रम के विषय का उद्देश्य शिक्षक एवं छात्राध्यापक को स्वयं एक श्रेष्ठ व्यक्ति तथा समाज के एक दायित्वकर्ता के रूप में विकसित करने के कौशल को जानने, समझने तदनुसार क्रिया करने का अवसर प्राप्त कराना है। इस पुस्तक के द्वारा शिक्षक स्वयं तथा अधिगमकर्त्ता छात्र को जानने पर ध्यान दे सकेंगे-

(1) आत्म बोध या आत्मावलोकन द्वारा शिक्षक स्वयं की क्षमताओं एवं कमियों को समझने में समर्थ हो सकेंगे। (2) अपने जीवन उद्देश्यों की खोज के अवसर प्राप्त कर सकेंगे। (3) एकाग्रता, योग, ध्यान एवं अभ्यास के अवसर उपलब्ध कर शान्ति स्थापना की ओर अग्रसर हो सकेंगे। (4) सामाजिक परिस्थिति तथा समायोजन के प्रति संवेदनशीलता में अभिवृद्धि कर सकेंगे। (5) छात्राध्यापक आत्म नियन्त्रण तथा शान्ति मार्ग द्वारा क्षमता का विकास करेंगे। (6) स्वयं की क्षमताओं को जानने एवं स्वप्रेरित शिक्षार्थी का दृष्टिकोण विकसित कर सकेंगे। (7) समग्र रूप से छात्रों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास कर सकेंगे। (8) मृदुल कौशल द्वारा शिक्षण प्रक्रिया में शिक्षण के अनुरूप बदलाव करने की क्षमता विकसित करेंगे। (9) सुविधादाता के रूप में वे स्वयं का विकास कर सकेंगे।

आत्म बोध (स्वयं की समझ) पुस्तक व्यक्तित्व के सन्दर्भ में उसके समस्त दायित्वों का आत्मबोध कराती है। यह विषय अत्यन्त प्राचीन होते हुए भी आज की परिस्थति में एक नये विषय के रूप में उभरकर सामने आया है। इस कारण प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में यह नवीन विषय के रूप में जाना जाता है। आशा है प्रस्तुत पुस्तक छात्राध्यापकों का कुशल मार्गदर्शन करेगी। साथ ही विद्ध प्राध्यापकों के शिक्षण कार्य में भी सहयोग करेगी। पुस्तक के सन्दर्भ में संशोधन हेतु आपके सुझावों की सदैव प्रतीक्षा रहेगी।

Weight 250 g
Dimensions 22 × 14 × 2 cm

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