प्रस्तावना
अच्छी पाठ्य पुस्तक हमेशा समय की कसौटी पर परखी जाती है। इसके लिए आवश्यकn
है कि सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए पुस्तक का नवीनीकरण किया जाए। वर्तमान समय और जीवन परिदृश्य में वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रगति के कारण शीघ्रता से परिवर्तन हो रहे है। इन सभी मानदण्डों को ध्यान में रखते हुए पुस्तक ‘समकालीन भारत और शिक्षा का नवीनीकरण किया गया है। पुस्तक के प्रत्येक अध्याय में सुधार किए गए हैं। एक नया अध्याय नयी तालीन कार्य शिक्षा का दर्शन, ग्रामीण पुनः निर्माण के लिए अनुभवात्मक अधिगम शामिल किया गया है जो संशोधित पाठ्यक्रम के अनुसार है। पुस्तक का वर्तमान संस्करण पाठकों को उनके उद्देश्य पूरा करने में अच्छा साबित होगा।
लेखक शिक्षा महाविद्यालयो के प्रधानाचार्यों, और सहायक प्रोफैसरों का कृतज्ञ एवं धन्यवादी है जिन्होंने उनकी पुस्तक को उचित पहचान दी है। उन अध्यापकों के मी धन्यवादी हैं जिन्होनें अपने सुझाव भेजे हैं। पुस्तक के नवीनीकरण में उन सभी सुझावों को ध्यान में रखा गया है। हम विशेष तौर पर Twentyfirst Century Publications, Patiala’ के प्रकाशक श्री हरविन्द्र सिंह के धन्यवादी हैं क्योंकि यह उनके दिन रात का अथक परिश्रम और सहयोग के कारण ही हो पाया है।
पुस्तक में किसी भी प्रकार के सुधार के लिए सुझावों का सदा स्वागत किया जाएगा।
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