प्रस्तावना
शिक्षा मानव विकास का सर्वोत्तम साधन है। वर्तमान समय में व्यक्ति, समाज तथा राष्ट्र की आवश्यकताओं एवं आकांक्षाओं की पूर्ति उत्तम शिक्षा से ही सम्भव है। शिक्षा की प्रक्रिया में विभिन्न युगों में देश, काल एवं परिस्थिति के अनुसार, अलग-अलग पक्षों को प्राथमिकता दी जाती रही है। कभी शिक्षकों को, कभी छात्रों को, कभी विषय-वस्तु को तो कभी शिक्षण उद्देश्यों को भी महत्त्व दिया जाता रहा है। वर्तमान समय में बदली परिस्थितियों के अनुरूप पाठ्यक्रम के उद्देश्यों को विशेष महत्त्व दिया जा रहा है। शिक्षा के उद्देश्य साध्य होते हैं, इनकी प्राप्ति के लिए साधन की आवश्यकता होती है। शिक्षा के उद्देश्यों की प्राप्ति का सर्वोत्तम साधन पाठ्यक्रम एवं पाठ्य-पुस्तकें ही हैं। किन्तु जितना अधिक ध्यान उद्देश्यों पर दिया गया है उतना पाठ्यक्रम एवं पाठ्य-पुस्तकों पर नहीं दिया जा सका है। शिक्षा की प्रक्रिया की सार्थकता एवं प्रभावशीलता के लिए साध्य एवं साधन में समन्वय स्थापित करना अति आवश्यक है। गांधी जी ने भी कहा है कि “उत्तम साध्य के लिए उत्तम साधन का होना अनिवार्य है।” इस पुस्तक के द्वारा इन उद्देश्यों की प्राप्ति की एक पहल भाग है।
प्रस्तुत पुस्तक ‘पाठ्यक्रम में विषयों की समझ’ भावी शिक्षकों एवं बी०एड० के अन्य पाठकों को व्यावहारिक विज्ञान का सुगम व सरल बोध कराने हेतु एक प्रयास मात्र है। पुस्तक की भाषा अत्यन्त ही सरल तथा प्रवाहमयी है। साथ-ही-साथ पुस्तक में अनेक चित्रों तथा तालिकाओं का भी प्रयोग किया गया है ताकि विद्यार्थी संबंधित विषय वस्तु को अच्छी प्रकार से समझ सकें। विषय के अनुकूल यह पुस्तक प्रत्येक स्तर के विद्यार्थी को ध्यान में रखकर लिखी गई है। आशा है कि विद्यार्थीगण तथा अध्यापकगण इस पुस्तक का स्वागत करेंगे।
अन्त में मैं उन सभी विद्वानों के प्रति जिनकी रचनाओं और कार्यों को हमने अपनी सुविधानुसार उपयोग किया है, आभार प्रदर्शन करना अपना प्रथम कर्त्तव्य समझती हूं। मैं इस पुस्तक के प्रकाशक अमित प्रकाशन के प्रति भी
Reviews
There are no reviews yet.