**प्रारम्भिक सांख्यिकी: शिक्षा और मनोविज्ञान में भूमिका**
आज के शिक्षण और मनोविज्ञान के अध्ययन में सांख्यिकी का महत्व अत्यधिक बढ़ गया है। यह क्षेत्र न केवल शैक्षिक शोध को संरचित और व्यवस्थित करता है, बल्कि मानसिक और शैक्षिक प्रक्रियाओं की गहराई से समझ भी प्रदान करता है। शिक्षा और मनोविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में आंकड़ों का संग्रह, उनका विश्लेषण, और उनके आधार पर निष्कर्ष निकालने की प्रक्रिया एक अनिवार्य कौशल बन गई है।
इस पुस्तक का उद्देश्य प्रारम्भिक सांख्यिकी के मूल सिद्धांतों और उनके प्रयोग को सरल और व्यावहारिक तरीके से प्रस्तुत करना है। पाठकों को यह पुस्तक शिक्षा और मनोविज्ञान के शोध कार्यों में सांख्यिकी के उपयोग की बुनियादी समझ प्रदान करेगी। इसमें सांख्यिकीय अवधारणाओं जैसे मापन के प्रकार, वितरण, औसत, माध्यिका, प्रसार, मानक विचलन, सहसंबंध, और परीक्षण की पद्धतियों को सरल भाषा में समझाया गया है।
प्रारम्भिक सांख्यिकी के ज्ञान से विद्यार्थियों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को शैक्षिक और मनोवैज्ञानिक समस्याओं का विश्लेषण करने, निष्कर्ष निकालने, और डेटा के माध्यम से प्रमाणित निष्कर्ष प्रस्तुत करने में सहायता मिलेगी। आशा है कि यह पुस्तक शिक्षा और मनोविज्ञान के क्षेत्र में सांख्यिकीय अध्ययन के प्रति आपकी रुचि को बढ़ाएगी और आपकी शैक्षिक यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
**लेखक**
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