प्राक्कथन
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् की “पाठ्यचर्या के नवीनीकरण के लिए अध्यापक शिक्षा” पर स्थिति पेपर कहता है कि विद्यालय शिक्षा की पुनः स्फूर्ति के पुनर्जीवन के उद्देश्य के साथ विद्यालय पाठ्यचर्या को संशोधित करने का कार्य परावर्ती अध्यापक व्यावसायियों के निर्माण की आवश्यकता पर ध्यान दिए बिना प्राप्त नहीं किया जा सकता है। यह अपेक्षा करता है कि ये अध्यापक शिक्षा कार्यक्रमों में दिए जाने वाले अधिगम निविष्ट मुख्यतः शिक्षार्थी केन्द्रित होंगे, क्योंकि इससे अधिगम अनुभवों में विभिन्नता प्राप्त होगी, भेदात्मक अधिगम समावेशित होगा, यह एक अधिगम स्थिति के प्रति अपसरण, परावर्तन और अंतर्दृष्टिपूर्ण व्यवहार को प्रोत्साहित करेगा तथा साथ ही यह शिक्षार्थियों की अव्यवस्थित सामाजिक अवस्थाओं, सामाजिक असमानताओं के बृहद् मुद्दे पक्षपात, लिंग विभाजन तथा क्षेत्र निर्दिष्ट प्रशासन और संगठनात्मक असंगतियों की क्रांतिक जाँच के अवसर प्रदान करेगा। इनमें से सभी प्रत्येक अध्यापक की एक व्यवसाय के रूप शिक्षण के बारे में स्वयं अपने सुदृढ़ विचार विकसित करने तथा एक व्यावसायिक वचनबद्धता सुनिश्चित करने में सहायक होंगे। इस संदर्भ में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम के लिए पाठ्यक्रम विकसित किए, जो उपर्युक्त धारणाओं को कार्यान्वित करने के प्रयास को चिह्नित करते हैं। इन पाठ्यक्रमों पर आधारित सभी संबंधित विभागों ने विद्यार्थी शिक्षकों की सहायता के लिएपाठ्यपुस्तकों को विकसित करना प्रारंभ कर दिया है। इसी श्रृंखला में विज्ञान एवं गणित शिक्षा विभाग ने विज्ञान का शिक्षाशास्त्र (भौतिक विज्ञान और जैविकी विज्ञान के रूप में दो खंडों में) तथा गणित का शिक्षाशास्त्र शीर्षकों के अंतर्गत पाठ्यपुस्तकें तैयार की हैं। हम आशा करते हैं कि ये पुस्तकें उस अध्यापक शिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य पूर्ण करेंगी, जो बाल केंन्द्रित शिक्षा पद्धति में अध्यापकों की सहायता करेगा।
इस प्रयास की सफलता तभी संभव होगी, यदि शिक्षक प्रशिक्षकों, विद्यार्थी शिक्षकों तथा विद्यालय स्तर पर अध्यापकों को उनके शिक्षण अधिगम कार्यों में स्वतंत्रता एवं लचीलापन प्रदान किया जाए। शिक्षकों को यह पहचानने की आवश्यकता है कि प्रत्येक बच्चा स्वयं अपनी अद्वितीय विधि से सीखता है। इसलिए प्रत्येक शिक्षक को अधिगम प्रक्रिया में शिक्षार्थियों को व्यस्त रखने की स्वयं अपनी विधियाँ ज्ञात करनी पड़ेंगी। विज्ञान और गणित के शिक्षण अधिगम को क्रमशः विज्ञान और गणित की विषयवस्तु एवं उसके शिक्षाशास्त्र के साथ निकटतम रूप से गूँथना चाहिए। जाँच और अन्वेषण की प्रक्रिया में शिक्षार्थी को संबद्ध करने से शिक्षकों को विज्ञान और गणित की प्रकृति की बेहतर अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में तथा विज्ञान और गणित शिक्षा के उद्देश्य हेतु सहायता मिलती है। हम आशा करते हैं कि ये पाठ्यपुस्तकें अध्यापक प्रशिक्षकों एवं विद्यार्थी शिक्षकों का उनकी व्यावसायिक दक्षताओं की संवृद्धि करने में तथा विज्ञान एवं गणित को एक अन्वेषण की प्रक्रिया के रूप में सीखने और एक वैश्विक नागरिक के रूप में सामाजिकउत्तरदायित्वपूर्ण प्रकार से दैनिक जीवन की समस्याओं को हल करने के लिए शिक्षार्थियों को प्रेरित करेंगीराष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् इन पाठ्यपुस्तकों के लिए गणित पाठ्यपुस्तक विकास समितियों द्वारा किए गए कठिन परिश्रम की सराहना करती है। इन पाठ्यपुस्तकों को विकसित करने में अनेक
Reviews
There are no reviews yet.