प्रस्तावना
मैं पूर्व विद्यालयी शिक्षा के दो वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम के छात्रों के लिए इस पुस्तक को प्रस्तुत करने में बहुत प्रसन्न हूं। यह पुस्तक इस बात की प्रस्तुति है कि बच्चे कैसे और क्यों बढ़ते हैं, कैसे विकसित होते हैं और कैसे सीखते हैं। हम इस बात पर ध्यान देंगे कि गर्भधारण के समय से लेकर किशोरावस्था तक बच्चे शारीरिक रूप से कैसे बदलते हैं। साथ में यहां पर हम संज्ञानात्मक, संवेगात्मक, सामाजिक परिवर्तनों की जांच करेंगे और जीवन के शुरुआती वर्षों में परिवर्तनों की सोचने और याद करने की हमारी क्षमता को परखेंगे। हम यह भी देखेंगे कि बचपन से लेकर किशोरावस्था में बच्चों की भावनाएं, मनोवैज्ञानिक स्थितियां और सामाजिक रिश्ते कैसे बदलते हैं।
यह पाठ्य-पुस्तक पूर्व विद्यालयी शिक्षा के छात्रों के लिए बाल विकास या विकासात्मक मनोविज्ञान में एक परिचयात्मक पाठ्यक्रण है जो कि निबन्ध, असाइनमेंट और अन्य परिवयोजनाओं के साथ एक स्पष्ट और सुलभ नींव प्रदान करती है।
यह पुस्तक मुख्य रूप से प्रारम्भिक बचपन के शिक्षकों की सहायता करने के लिए डिजाइन की गई है, जो पूर्व विद्यालय किंडरगार्टन या प्राथमिक श्रेणी के बच्चों को बचपन से किशोरावस्था तक, आसानी से सुलभ प्रारूप में, बाल विकास के मुख्य क्षेत्रों का व्यापक सर्वेक्षण करके पढ़ाते हैं। यह महत्त्वपूर्ण मुद्दों की सराहना के साथ इस तरह के शानदार और आकर्षक क्षेत्र में क्लासिक और अत्याधुनिक दोनों काम का प्रतिनिधित्व करने वाले विषयों का संतुलित क्वरेज प्रदान करती है।
यह पुस्तक इस बात की गहन समझ प्रदान करती है कि बच्चों के जीवन के विभिन्न चरणों में उनका स्कूल और घर के परिवेश
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