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मेलूहा के मृत्युंजय (Hindi)

Author: Amish

Publisher: Westland

ISBN: 9789380658827

 

280.00

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“मेलूहा के मृत्युंजय”** (The Immortals of Meluha) अमीश त्रिपाठी द्वारा लिखी गई एक प्रसिद्ध हिंदी उपन्यास है, जो शिव त्रयी श्रृंखला का पहला भाग है। यह उपन्यास भारतीय पौराणिक कथाओं और ऐतिहासिक घटनाओं को एक नई दृष्टि से प्रस्तुत करता है, जिसमें भगवान शिव को एक मानव रूप में दिखाया गया है, जो अपने कर्मों और विशेषताओं के कारण महान देवता बनते हैं।

कथा सारांश:
कहानी मेलूहा के पवित्र साम्राज्य में शुरू होती है, जो एक आदर्श राज्य है और वहां के लोग सोमरस नामक अमृत पीकर अमर होते हैं। लेकिन यह साम्राज्य अब कई आंतरिक और बाहरी समस्याओं का सामना कर रहा है। मेलूहा के लोग एक प्राचीन भविष्यवाणी पर विश्वास करते हैं कि एक नीलकंठ उन्हें बचाने आएगा।

शिव, जो तिब्बत में अपने गणों के साथ रहते हैं, को मेलूहा के राजा दक्ष द्वारा आमंत्रित किया जाता है। शिव मेलूहा पहुंचते हैं और सोमरस पीने के बाद उनके गले का रंग नीला हो जाता है, जिससे उन्हें नीलकंठ के रूप में पहचाना जाता है। शिव को मेलूहा के लोगों का उद्धारक माना जाता है और वह मेलूहा को उसके दुश्मनों से बचाने के लिए अपनी यात्रा शुरू करते हैं।

प्रमुख विषय:
1. धर्म और कर्म**: उपन्यास में शिव की यात्रा को उनके कर्मों और धर्म के माध्यम से दिखाया गया है। यह उनकी मानवीय विशेषताओं और उनके द्वारा चुने गए सही और गलत के बीच के संघर्ष को दर्शाता है।

2. **न्याय और शांति**: शिव का उद्देश्य मेलूहा में न्याय और शांति स्थापित करना है। वह विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हैं और सही रास्ते की तलाश करते हैं।

3. प्राचीन सभ्यता**: उपन्यास में मेलूहा की सभ्यता, उनकी सामाजिक संरचना, विज्ञान, और संस्कृति को विस्तार से बताया गया है, जो पाठकों को एक समृद्ध और उन्नत समाज की झलक देता है।

मुख्य पात्र:
-शिव: उपन्यास के नायक, जो एक साधारण मानव से महान देवता बनने की यात्रा करते हैं।
– सति: शिव की प्रेमिका और दक्ष की बेटी, जो एक योद्धा और नारी शक्ति का प्रतीक है।
– दक्ष: मेलूहा के राजा, जो शिव को नीलकंठ मानते हैं।
– नंदी: शिव का विश्वासपात्र और मित्र, जो हर कदम पर उनका साथ देता है।

लेखन शैली:
अमीश त्रिपाठी की लेखन शैली सरल और प्रभावी है, जो पौराणिक कथाओं को आधुनिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है। उनकी भाषा और वर्णन शैली ने इस पुस्तक को पाठकों के बीच अत्यंत लोकप्रिय बनाया है।

समीक्षा:
“मेलूहा के मृत्युंजय” को पाठकों और आलोचकों द्वारा समान रूप से सराहा गया है। यह पुस्तक भारतीय पौराणिक कथाओं को नए रूप में पेश करती है और शिव की कहानी को एक नई और रोमांचक दृष्टि से प्रस्तुत करती है।

कुल मिलाकर, “मेलूहा के मृत्युंजय” एक प्रेरणादायक और रोमांचक उपन्यास है, जो शिव की यात्रा, उनके संघर्षों और विजय की कहानी को जीवंतता से प्रस्तुत करता है।

Weight 300 g

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