आमुख
निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 (आर.टी.ई. एक्ट), सभी बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने और समाज में अपना योगदान देने का मौलिक अधिकार प्रदान करता है। इस अधिनियम के अंतर्गत दी जाने वाली शिक्षा विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि वाले सभी बच्चों के लिए संभव हो और वे अपनी आयु वर्ग के अन्य बच्चों की भाँति सशक्त होकर इस देश के एकसमान नागरिक के रूप में अपनी क्षमता का विकास करने योग्य बन सकें, यह भी सुनिश्चित करता है।
निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आर.टी.ई. एक्ट) का उद्देश्य बड़ी संख्या में उन बच्चों का विद्यालय जाना सुनिश्चित करना है, जो या तो स्कूल नहीं जा सके हैं अचवा उन्होंने प्राथमिक शिक्षा प्राप्त किए बिना ही अनेक कारणों से विद्यालय छोड़ दिया है। विद्यालय न जाने वाले इन बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना शिक्षकों और शिक्षक प्रशिक्षकों, दोनों के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। ऐसे बच्चों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ने विज्ञान विषय में अधिगम सामग्री का विकास किया है। यह अधिगम सामग्री प्रासंगिक है और इसे सरल भाषा में चित्रों तथा उदाहरणों के साथ तैयार किया गया है, जिससे इन बच्चों में सीखने- समझने का विकास अन्य बच्चों की तरह हो सके।
परिषद्, विज्ञान एवं गणित शिक्षा विभाग, राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान तथा समिति के सदस्यों की इस उपयोगी पठन सामग्री को विकसित करने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना करती है और सभी संबंधित सुझावों तथा टिप्पणियों का स्वागत करती है।
हृषिकेश सेनापति
निदेशक
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान
और प्रशिक्षण परिषद्
नयी दिल्ली
मार्च, 2017











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