पहले संस्करण की भूमिका
2 अक्टूबर, 1964 से श्री दौलतसिंह कोठारी, अध्यक्ष, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की अध्यक्षता में शिक्षा आयोग ने कार्य आरम्भ किया। दो वर्ष के अथक परिश्रम से कमीशन ने अपनी रिपोर्ट जून, 1966 में प्रस्तुत की। समय-समय पर कमीशन ने अपने सुझाव भी दिये परन्तु कमीशन की रिपोर्ट जब प्रकाशित हुई तो शिक्षा जगत में क्रांति मच गई।
शिक्षा जगत में विचरण करने वाले हर व्यक्ति ने ठण्डे दिमाग से इस रिपोर्ट की सिफारिशों पर विचार किया। हर व्यक्ति ने अनुभव किया कि राष्ट्रीय विकास के लिए ऐसी ही शिक्षा योजना की आवश्यकता थी।
शिक्षा-आयोग की यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई, बाजार में आई और गायब भी हो गई। शिक्षा की समस्याओं का अध्ययन करने वाले छात्रों को शिक्षा समस्याओं पर इस रिपोर्ट के परिप्रेक्ष्य में विचार करना था, उन्हों के हितार्थ इस पुस्तक की रचना की गई है। आशा है शिक्षा तथा प्रशिक्षण के विद्यार्थी इससे लाभ उठायेंगे।
अन्त में डिप्टी डाइरेक्टर शिक्षा, मेरठ-मण्डल, डॉ० रामकुमार बाउन्ट्रा का आभारी हूँ जिन्होंने मुझे कमीशन रिपोर्ट अध्ययन करने के लिए दी। आपके हर सुझाव का स्वागत है।
– सुरेश भटनागर
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